कविता आ गया है बुढ़ापा March 12, 2019 / March 12, 2019 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on आ गया है बुढ़ापा आ गया है बुढ़ापा,शरीर अब चलता नहीं |चेहरा जो गुलाब था,वह अब खिलता नहीं || हो गयी आँखे कमजोर,अब दिखता नहीं |काँपने लगे है हाथ,अब लिखा जाता नहीं || हो गये है कान कमजोर,अब सुना जाता नहीं |लगा लिया चश्मा भी,उससे काम चलता नहीं || टूट गये सभी दाँत,अब खाना खाया जाता नहीं |लगा लिया […] Read more » आ गया है बुढ़ापा