व्यंग्य
इस इलेक्शन पर बातें इधर उधर की :
/ by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो
हरी बिंदल छोड़ भाजपा शत्रु जी, पहुंचे पप्पू पास, मंत्री बनने के लिए, यही बची थी आश | यही बची थी आश, लगा बीबी लाइन मे, दोनों हाथो लड्डू, होंगे आनन फानन मे | किन्तु रह गए बे, अब, घर न घाट के, टुल्लू उनको मिला, रखे अब उसे ठाट से | इक प्रत्यासी को […]
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