धर्म-अध्यात्म जप व ध्यान से जीवात्मा के भीतर ही ईश्वर का प्रत्यक्ष होता है। August 5, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on जप व ध्यान से जीवात्मा के भीतर ही ईश्वर का प्रत्यक्ष होता है। ईश्वर को जानना व प्राप्त करना दो अलग-अलग बातें हैं। वेदों व वैदिक सहित्य में ईश्वर का ज्ञान व उसकी प्राप्ति के साधन बताये गये हैं। पहले ईश्वर के स्वरूप को जान लेते हैं और उसके बाद उपासना आदि साधनों पर चर्चा करेंगे। वेदों का स्वाध्याय साधारण अशिक्षित व अल्पशिक्षित मनुष्यों के लिए कुछ […] Read more » ईश्वर का प्रत्यक्ष होता है। जप व ध्यान से जीवात्मा के भीतर