कविता कविता ; उड़ा दिया है रंग – श्यामल सुमन March 7, 2012 by श्यामल सुमन | Leave a Comment कोई खेल रहा है रंग, कोई मचा रहा हुड़दंग मँहगाई ने हर चेहरे का उड़ा दिया है रंग रंग-बिरंगी होली ऐसी प्रायः सब रंगीन बने अबीर-गुलाल छोड़ कुछ हाथों में देखो संगीन तने खुशियाली संग कहीं कहीं पर शुरू भूख से जंग कोई खेल रहा है रंग, कोई मचा रहा हुड़दंग मँहगाई ने हर […] Read more » poem poem by shyamal suman Poems उड़ा दिया है रंग कविता