टेलिविज़न लेख समाज अंधविश्वास ,उदारीकरण व पैसे के पीछे भागता मीडिया झोंक रहा है देश को बर्बादी के गड्ढे मे September 19, 2020 / September 19, 2020 by भगवत कौशिक | Leave a Comment भगवत कौशिक यदि किसी समाज का आर्थिक विकास की अपेक्षाकृत बौद्धिक विकास न हो तो वह समाज अंधविश्वासों में और भी गहरे धंसता चला जाता है। फिर उस समाज में लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर अपना घर भरने वाले परजीवियों का साम्राज्य विकसित होने लगता है। भारत के मामले में यही हुआ है। 90 […] Read more » liberalization and money is putting the country in the pit of ruin Media rushing behind superstition अंधविश्वास उदारीकरण पैसे के पीछे भागता मीडिया
विविधा उदारीकरण के दौर में मजदूर May 7, 2016 by जावेद अनीस | 1 Comment on उदारीकरण के दौर में मजदूर जावेद अनीस 1991 से शुरू हुए आर्थिक सुधारों के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं , इन 25 सालों के दौरान देश की जीडीपी तो खूब बढ़ी हैं और भारत दुनिया के दस बड़े अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है, आज जब “महाबली” चीन सहित दुनिया भर की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थायें मंदी की गिरफ्त में […] Read more » Featured उदारीकरण उदारीकरण के दौर में मजदूर मजदूर
आर्थिकी युक्तियुक्तकरण या उदारीकरण ? April 3, 2015 / April 4, 2015 by संजय पराते | 1 Comment on युक्तियुक्तकरण या उदारीकरण ? ‘उदारीकरण’ के लिए संघी शब्दावली है–‘युक्तियुक्तकरण’. भाजपा की ‘उदार युक्ति’ यही है कि आम जनता के पास जो थोड़ी-बहुत सुविधाएं बची है, उसे भी छीना जाएं, ताकि ‘खास जनता’ की तिजोरियों को भरा जा सकें. आखिर इसी ‘खास जनता’ ने तो उसे सत्ता में पहुंचाया है, वर्ना वह तो ‘खाकी पार्टी’ ही बनकर रह गई […] Read more » Featured उदारीकरण युक्तियुक्तकरण युक्तियुक्तकरण' या 'उदारीकरण' संजय पराते