व्यंग्य साहित्य उनकी आजादी व हमारी असहिष्णुता February 25, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ० व्योमेश चित्रवंश मैं शांति से बैठा अख़बार पढ़ रहा था, तभी कुछ मच्छरों ने आकर मेरा खून चूसना शुरू कर दिया। स्वाभाविक प्रतिक्रिया में मेरा हाथ उठा और अख़बार से चटाक हो गया और दो-एक मच्छर ढेर हो गए.!! फिर क्या था उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया कि मैं असहिष्णु हो गया हूँ.!! […] Read more » उनकी आजादी व हमारी असहिष्णुता