धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द का संसार, देश व समाज पर ऋण October 20, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज हम जो कुछ भी जानते है उस ज्ञान को हम तक पहुंचानें में हमसे पूर्व के ऋषियों व विद्वानों का महत्वपूर्ण योगदान है। सृष्टि के आरम्भ से अध्ययन अध्यापन की परम्परा का आरम्भ हुआ जो आज पर्यन्त चला आ रहा है। माता-पिता अपने नवजात शिशु को संस्कार देने के साथ भाषा […] Read more » ऋण ऋषि दयानन्द देश पर ऋण समाज पर ऋण संसार पर ऋण
धर्म-अध्यात्म विविधा एकलव्य- ऋण July 13, 2011 / December 9, 2011 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा एकलव्य का सपना था कृति धनुर्धर होने का। यह भील बालक के लिए असामान्य सपना था; तत्कालीन व्यवस्था के लिए एक चुनौती; एकलव्य को द्रोणाचार्य ने शिक्षा देने से इनकार कर दिया था। पर वह हताश नहीं हुआ। उसने द्रोण की एक माटी की मूरत बना ली और जंगल में ही कठिन स्वाध्याय […] Read more » Eklavya ऋण एकलव्य