व्यंग्य एक और सीक्वल October 26, 2013 by बीनू भटनागर | Leave a Comment ये मेरा तीसरा सीक्वल है। सबसे पहले मैंने एक गंभीर विषय पर लेख लिखा था ‘हिन्दी किसकी है?’ उसका सीक्वल था ‘‘हिन्दी सबकी है’’।‘’कवि और कल्पना’’ व्यंग लिखने के बाद ‘’कवि और कल्पना -2’’ भी लिखा। ‘आजकल सीक्वल फिल्मों की बाढ सी आगई है इसलिये मैंने सोचा अपने व्यंग ’तुम्हारा नाम क्या है?’’, जो बहुत […] Read more » एक और सीक्वल