कविता एक धर्म निरपेक्ष कविता February 6, 2021 / February 6, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकमैं चाहता हूंएक ऐसी कविता लिखनाजिसमें परम्परा गान न होकिसी संस्कृति पुरुष का नाम न होजो पूरी तरह से हो सेकुलरऔर समकालीन भी! मैं चाहता हूंएक वैसी कविता लिखनाजिसमें चिंता हो आज केवृद्ध-उपेक्षित-सेवानिवृत्त माता-पिता कीजिसे पढ़ूंगा उस सेमिनार मेंकि कितना जरूरी/कितना त्याज्य हैआज के वरिष्ठ नागरिक! मैं लिखूंगा नहींमातृ देवो भव:/पितृ देवो भव: […] Read more » एक धर्म निरपेक्ष कविता