कविता कर्ण रहे न रहे कर्ण की बची रहेगी कथा January 29, 2022 / January 29, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकवो एक कर्ण था अवांछित जाति वर्ण का,कर्ण अब नहीं पर जस की तस है व्यथा,कर्ण रहे न रहे कर्ण की बची रहेगी कथा! कर्ण मिथकीय या यथार्थ पात्र हो सकता,मगर कर्ण कथा की आज भी प्रासंगिकता,कर्ण असवर्ण,कर्ण हो सकता नहीं लापता! वो तलाश में थे एक गुरु के जो ज्ञान दे,शिष्य का […] Read more » कर्ण रहे न रहे कर्ण की बची रहेगी कथा