बच्चों का पन्ना कलयुग के मुर्गे July 27, 2013 / July 27, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment रोज चार पर मुर्गों की अब, नींद नहीं खुल पाती बापू| इस कारण से ही तो अब वे, गाते नहीं प्रभाती बापू| कुछ सालों पहिले तो मुर्गे, सुबह बाँग हर दिन देते थे| उठो उठो हो गया सबेरा, संदेशा सबको देते थे| किंतु बात अब यह मुर्गों को, बिल्कुल नहीं सुहाती बापू| इस कारण से […] Read more » कलयुग के मुर्गे