कविता कविता:सपने का सच-मोतीलाल July 10, 2012 / July 10, 2012 by मोतीलाल | Leave a Comment एक दिन मैँने देखा एक सपना सपने मेँ औरत को मैँने छुआ एक ठंडी सी लहर काटती हुई निकल गयी आँखेँ कुछ कहना चाहती थी और देखना चाहती थी सपने मेँ अच्छी औरत कि कहीँ लिजलिजा सा काँटा आँखोँ मेँ धस गयी और छिन ली सारी रोशनी वह तिलमिलायी थी और हाथोँ की […] Read more » poem by motilal कविता:सपने का सच कविता:सपने का सच-मोतीलाल