कविता कितना ओछा है आदमी November 17, 2023 / November 17, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment मेरे अवचेतन मन में दफन है शब्दों का सागर जब कभी चेतना आती है मेरा मन भर लाता है शब्दों की एक छोटी सी गागर। जब मैं गागर को उलीचता हूँ तो शब्दों के जल में मिलते है सांस्कृतिक मूल्य,परनिंदा ओर कल्पनाओं का सुनहरा संसार । सत्य धीरे-धीरे बन जाता है कल्पनाजीवी शब्दों का जाल […] Read more » कितना ओछा है आदमी