दोहे कितने कल्पों से संग रहा! October 7, 2020 / October 7, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment कितने कल्पों से संग रहा,कितने जीवन ग्रह छुड़वाया;रिश्ते नाते कितने सहसा,मोड़ा तोड़ा छोड़ा जोड़ा! परिवार सखा जीवन साथी,वह बना रहा सब में साक्षी;हर राही से वह मिलवाया,हर साथी सोम सुधा लाया! सब छूटे टूटे या रूठे,कुछ ही बँध पाए प्रभु खूँटे;माधुर्य मनोहर उनका था,अपनापन उनसे लगता था! हर कोई कहाँ ढ़िंग रह पाता,संस्कार अलग सबका […] Read more » कितने कल्पों से संग रहा