कविता ‘क्या मौन में छुपा है कोई हल’ September 6, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रीति सुराना आजमा के देख ये भी कुछ पल क्या मौन में छुपा है कोई हल हल न भी मिले तो लाभ ही है क्रोध की आग हो कुछ शीतल कुछ घड़ी शरीर को दे विश्राम कुछ घड़ी क्लेश ही जाए टल दे आराम भावों के आवेग को आवेश हो जाए शायद विफल क्षमा, चिंतन […] Read more » 'क्या मौन में छुपा है कोई हल' क्षमा चिंतन शरीर