राजनीति पहले जनता को जगाने की क्रांति हो August 5, 2011 / December 7, 2011 by संजय स्वदेश | Leave a Comment संजय स्वदेश सरकार के चतुर मंत्री पहले से ही किसी न किसी तरह से लोकपाल को कमजोर करने जुगत में थे। प्रधानमंत्री और जजों के इसके दायरे में नहीं आने के बाद भी यदि यह ईमानदारी से लागू हो तो कई बड़ी मछलियां पकड़ी जाएंगी। पर महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या लोकपाल की व्यवस्था […] Read more » Revolution क्रांति
विविधा बिना क्रांति के विकास की कल्पना कोरी गल्प July 5, 2011 / December 9, 2011 by बृजेन्द्र अग्निहोत्री | 1 Comment on बिना क्रांति के विकास की कल्पना कोरी गल्प बृजेन्द्र अग्निहोत्री महात्मा गाँधी का नाम सुनते ही हमारी स्मृति में एक देवतुल्य आकृति आ उभरती है। आजादी की चर्चा होते ही, महात्मा गाँधी का स्मरण अनासास हो जाता है। हमें यह स्वीकार करना ही पड़ता है कि आज दासता की जंजीरों से मुक्त, हम जो खुले आसमान के नीचे सांस ले रहे है वह […] Read more » Mahatma Gandhi क्रांति महात्मा गांधी
राजनीति क्रांति, भूख और माओवाद November 12, 2010 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on क्रांति, भूख और माओवाद मैं पिछले 35 सालों से क्रांतिकारियों का साहित्य पढ़ रहा हूँ। इनमें कई रंगत के क्रांतिकारी रहे हैं जिनको पढ़ता रहा हूँ। खासकर माओवादियों और उनके हमदर्दों का किसानों के हितों को लेकर हल्ला इन दिनों ज्यादा मच रहा है। उसके बारे में और उनकी किसानचेतना के बारे में कुछ बातें कहना चाहता हूँ। माओवादी […] Read more » क्रांति भूख और माओवाद
राजनीति जलेबी नहीं है क्रांति October 19, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 7 Comments on जलेबी नहीं है क्रांति -जगदीश्वर चतुर्वेदी जी हां,क्रांति जलेबी नहीं है। जिसका कलेवा कर लिया जाए। क्रांति किसी पार्टी का ऑफिस नहीं है जिसे बना लिया जाए और क्रांति हो जाए। क्रांति दोस्ती का नाम नहीं है। क्रांति मजदूर का धंधा नहीं है।गाली नहीं है। मजाक नहीं है। क्रोध नहीं है। घृणा नहीं है जिस पर जब मन आया […] Read more » Revolution क्रांति