कविता
क्रोध
by बीनू भटनागर
-बीनू भटनागर- क्रोध क्या है? फट जाये तो ज्वालामुखी, दब जाये तो भूकंप! गल जाये वो बर्तन, जिसमें उसे रख दो, तेज़ाब की तरह! क्रोध इतना हो कि, वो जोश दिलादे! क्रोध इतना हो कि, न होश उड़ा दे! जो प्रेरणा बन जाये, उतना क्रोध ही भला। इसलिये, क्रोध की जड़ों को, पकड़ के, थोड़ा […]
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