विविधा त्रासद अतीत से पलायन के खतरे March 18, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जब भी किसी चीज को सौंदर्यबोधीय चरम पर पहुँचा दिया जाता है उसे हम भूल जाते हैं। अब हमें विभीषिका की कम उसके कलात्मक सौंदर्यबोध की ज्यादा याद आती है। अब द्वितीय विश्वयुद्ध की तबाही की नहीं उसकी फिल्मी प्रस्तुतियों, टीवी प्रस्तुतियों के सौंदर्य में मजा आता है। सौंदर्यबोधीय रूपान्तरण त्रासदी को आनंद में तब्दील […] Read more » Dangers खतरे