राजनीति खतरे में राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता January 2, 2012 / January 2, 2012 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on खतरे में राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता तनवीर जाफरी जनलोकपाल विधेयक का अंत आख़िरकार भारतीय संसदीय इतिहास के एक तमाशे के रूप में हो गया। संसद का सत्र खासतौर पर इसी विधेयक को पारित कराए जाने के कथित मकसद से बढ़ाया गया था। बहरहाल देश की जनता ने यह बखूबी देख लिया कि जो संसद अपने सदस्यों के हितों संबंधी फैसले सर्वसम्मत […] Read more » importance of poloticians in danger खतरे में राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता