गजल गजल-भेंट मज़दूरों की क्यों लेती बताओ चिमनियां-इकबाल हिंदुस्तानी May 16, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment आये दिन गिरने लगीं जब गुलशनों में बिजलियां, अब संभलकर उड़ रही हैं गुलशनों में तितलियां। उनके कपड़ों की नुमाइश का सबब बनती हैं जो, मुफलिसों की जान ले लेती हैं वो ही सर्दियां। रहबरी जज़्बात की काबू रखो ये जुर्म है, राख़ में तब्दील हो जाती हैं पल में बसितयां। इस […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल-इकबाल हिंदुस्तानी गजल-भेंट मज़दूरों की क्यों लेती बताओ चिमनियां-इकबाल हिंदुस्तानी