कहानी रेल की खिड़की से शहर – दर्शन …!! August 24, 2018 / August 24, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on रेल की खिड़की से शहर – दर्शन …!! तारकेश कुमार ओझा किसी ट्रेन की खिड़की से भला किसी शहर के पल्स को कितना देखा – समझा जा सकता है। क्या किसी शहर के जनजीवन की तासीर को समझने के लिए रेलवे ट्रेन की खिड़की से झांक लेना पर्याप्त हो सकता है। अरसे से मैं इस कश्मकश से गुजर रहा हूं। जीवन संघर्ष के […] Read more » Featured गीतांजलि ट्रेन रेल की खिड़की से शहर - दर्शन ...!! हावड़ा - मुंबई
समाज पाश्चात्य समीक्षकों की दृष्टि में गीतांजलि May 29, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment डॉ. छन्दा बैनर्जी सन् 1913 का वर्ष न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक-ऐश्वर्य का अभूतपूर्व वर्ष था । इसी वर्ष विश्वसाहित्याकाश में ध्रुवतारा सदृश भारत की पहचान बनी थी रवीन्द्रनाथ ठाकुर की लेखनगर्भ से जन्मी ‘गीतांजलि’ । ‘गीतांजलि’ – अर्थात ईश्वर के प्रति गीतों की अंजली । गीतांजलि केवल कुछ […] Read more » Featured गीतांजलि नोबल पुरस्कार यूनाइटेड किंगडम की रॉयल सोसाइटी रवीन्द्रनाथ रवीन्द्रनाथ ठाकुर श्री बसन्त कुमार राय
लेख टैगोर को नोबल प्राइज मिला, महात्मा गांधी को क्यों नहीं? July 12, 2011 / December 9, 2011 by महेश दत्त शर्मा | 3 Comments on टैगोर को नोबल प्राइज मिला, महात्मा गांधी को क्यों नहीं? महेश दत्त शर्मा अकसर बीचबीच में यह सवाल उठता रहता है कि महात्मा गांधी को नोबल प्राइज क्यों नहीं मिला? इसके लिए कहना यह होगा कि लोग नोबल प्राइज मिलने पर चर्चा में आते हैं, वहीं जब गांधी जी को नोबल प्राइज देने की सुगबुगाहर शुरू हुई, वे उससे काफी पहले संसार भर में एक […] Read more » Rabindranath Tagore गीतांजलि गीतांजलिरू साँग अॉफरिंग्स गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर नोबल प्राइज महात्मा गांधी