राजनीति गुणवत्तायुक्त आत्मनिर्भरता August 28, 2020 / August 28, 2020 by इ. राजेश पाठक | Leave a Comment ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और में उसको लेकर रहूँगा’ –ऐसा कहने वाले लोकमान्य तिलक ‘आत्मनिर्भरता’ के प्रबल पक्षधर तो थे ही , लेकिन ‘गुणवत्ता’ के साथ कोई समझोता हो ये भी उन्हें स्वीकार नहीं था. अपने जीवन में आगे क्या पढ़ना है, क्या करना है इसका उल्लेख करते हुए जब उनके लड़के नें उन्हें […] Read more » गुणवत्तायुक्त आत्मनिर्भरता