समाज गृहस्थ आश्रम की व्यापकता January 1, 2018 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी आश्रम क्या है :- प्राचीन काल में सामाजिक व्यवस्था के दो स्तंभ होते थे- वर्ण और आश्रम। मनुष्य की प्रकृति -गुण, कर्म और स्वभाव-के आधार पर मानवमात्र का वर्गीकरण चार वर्णो में हुआ है। व्यक्तिगत संस्कार के लिए उसके जीवन का विभाजन चार आश्रमों में किया गया है। ये चार आश्रम -(1) […] Read more » गृहस्थ आश्रम