राजनीति हर कोई गोलबंद है / चंचल चौहान May 29, 2012 / June 28, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on हर कोई गोलबंद है / चंचल चौहान चंचल चौहान ओम थानवी की टिप्पणी ‘आवाजाही के हक में’ (‘अनन्तर’, 29 अप्रैल) अगर हिंदी लेखक समुदाय में व्याप्त संकीर्ण रुझानों को लेकर पीड़ा व्यक्त करती, तो उसके मूल संवेदनात्मक उद्देश्य से असहमत होने की गुंजाइश नहीं होती। यह एक पवित्र उद्देश्य ही होता कि लेखक विचारधारा के आधार पर छुआछूत न बरतें, सौ तरह […] Read more » ओम थानवी चंचल चौहान भारत नीति प्रतिष्ठान मार्क्सवाद वैचारिक अश्पृश्यता
राजनीति यह छुआछूत उनकी ही देन है / अवनिजेश अवस्थी May 29, 2012 / June 28, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment अवनिजेश अवस्थी ओम थानवी के ‘अनन्तर’ पर पता नहीं चंचल चौहान इतना क्यों भड़क गए। थानवी जी की टिप्पणी के केंद्रीय मंतव्य- ‘‘क्या हम ऐसा समाज बनाना चाहते हैं जिसमें उन्हीं के बीच संवाद हो जो हमारे मत के हों? विरोधी लोगों के बीच जाना और अपनी बात कहना क्यों आपत्तिजनक होना चाहिए? क्या अलग […] Read more » ओम थानवी चंचल चौहान भारत नीति प्रतिष्ठान मार्क्सवाद वैचारिक अश्पृश्यता