राजनीति जन-क्रांति की रक्षा करना भी जनता का कर्तव्य है February 11, 2011 / December 15, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment श्रीराम तिवारी एक लोक कथा है ……एक गाँव में खेती किसानी करने वाले किसान रहते थे, उस गाँव में एक जमींदार हुआ करता था. गाँव में दो कुए थे, एक कुआं पूरे गाँव के लिए दूसरा सिर्फ जमींदार के लिए.जमींदार का कुआं उसकी बड़ी-सी हवेली की चहार दीवारी के अंदर था. इसीलिये जमींदार के कुएं […] Read more » People - Revolution जन-क्रांति