कविता जलियांवाला बाग September 10, 2014 by राघवेन्द्र कुमार 'राघव' | Leave a Comment राघवेन्द्र कुमार “राघव” सोलह सौ पचास गोलियां चली हमारे सीने पर , पैरों में बेड़ी डाल बंदिशें लगीं हमारे जीने पर | रक्त पात करुणाक्रंदन बस चारों ओर यही था , पत्नी के कंधे लाश पति की जड़ चेतन में मातम था | इंक़लाब का ऊँचा स्वर इस पर भी यारों दबा नहीं , भारत […] Read more » जलियांवाला बाग