कविता जीवन का मोड़ August 28, 2014 by राघवेन्द्र कुमार 'राघव' | Leave a Comment –राघवेन्द्र कुमार “राघव”- ये जीवन का कौन सा मोड़ है, जहाँ मार्ग में ही ठहराव है। दिखते कुछ हैं करते कुछ हैं लोग, यहाँ तो हर दिल में ही दुराव है । किस पर ऐतबार करें किसे अपना कहें, हर अपने पराए हृदय में जहरीला भाव है । अपना ही अपने से ईर्ष्या रखता है, […] Read more » जीवन का मोड़ हिन्दी कविता