व्यंग्य ‘अब जूते के दिन फिरे हैं April 1, 2019 / April 1, 2019 by मोहन कुमार झा | 1 Comment on ‘अब जूते के दिन फिरे हैं मोहन कुमार झा एक कहावत है कि हर किसी के दिन फिरते हैं। ‘अब जूते के दिन फिरे हैं।’ रामकथा में वर्णित है कि जब श्रीरामचन्द्र किसी प्रकार से वापस अयोध्या लौटने को तैयार नहीं हुए तो भरत जी ने अपने अग्रज भ्राता से उनकी “चरण पादुक” मांग ली और उसको राजसिंहासन पर रखकर चौदह […] Read more » जूते के दिन