कविता डॉक्टर और साहित्यकार April 9, 2021 / April 9, 2021 by मंजुल सिंह | 1 Comment on डॉक्टर और साहित्यकार सब बीमारियांअलसा कर बूढी हो गयी हैसब दवाईयाँ स्वर्ग चली गयी हैऔरकुछ डॉक्टरसाहित्यकार बन गए हैवो बीमारियों की किताब से चुराते हैअलंकारिक शब्दऔरमरी हुई कविता का करते हैपोस्टमार्टमऔर अपने शब्दों का भूसाभर कर के रिपोर्ट बना देते है औरकुछ साहित्यकारडॉक्टर बन गए हैजो अपनी प्रेम कविताओं से करते हैमौत का इलाजजरुरत के हिसाब से शरीर […] Read more » Doctor and litterateur डॉक्टर और साहित्यकार