धर्म-अध्यात्म तंत्र में मानवीय मंत्र स्थापना का सिद्धांत February 10, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment सन्दर्भ: एकात्म मानववाद भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके अंश के रूप में यहाँ के निवासियों को नागरिक नहीं अपितु परिवार सदस्य के रूप में माननें के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ स्थापन यदि किसी राजनैतिक भाव या सिद्धांत में हो पाया है तो वह है पंडित […] Read more » एकात्म मानववाद तंत्र में मानवीय मंत्र स्थापना का सिद्धांत