दोहे साहित्य तुम चलत सहमित संस्फुरत ! May 16, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment उड़िकें गगन आए धरणि, बहु वेग कौ करिकें शमन; वरिकें नमन भास्वर नयन, ज्यों यान उतरत पट्टियन ! बचिकें विमानन जिमि विचरि, गतिरोध कौ अवरोध तरि; आत्मा चलत झाँकत जगत, मन सहज करि लखि क्षुद्र गति ! Read more » तुम चलत सहमित संस्फुरत !