कविता दिल का अनोखा रिश्ता May 14, 2015 by लक्ष्मी जायसवाल | Leave a Comment – लक्ष्मी जयसवाल अग्रवाल– सांस दर सांस मुझे याद आते हो तुम ज़िन्दगी के मेरे सुनहरे पल आज भी जाने अनजाने क्यों सजा जाते हो तुम मेरी ज़िन्दगी की इक ख्वाहिश थे तुम आज भी मेरे दिल की राहों में बसकर मेरे हर ख्वाब को सजा जाते हो तुम न जाने कब से तुमसे नाता जुड़ा है मेरा कि अब तो तन्हाइयों […] Read more » Featured कविता दिल कविता दिल का अनोखा रिश्ता