कविता घनघोर घटाओ व बिजली का वार्तालाप May 7, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment घनघोर घटाओ से,बिजली आज यू बोली बहन कहाँ जा रही हो,मुझे छोड़ अकेली ? मै तो साथ रहती हूँ,हमेशा तुम्हारे साथ क्या मै नहीं अब तुम्हारी प्यारी सहेली ? बिजली की सुन बाते,घनघोर–घटाएं बोली हम जा रहे विरहणी के पास जो है अकेली प्रियतम उसके पास नहीं,जो अब है अकेली अगर ले जाते है तुझे,तेरी गर्जना […] Read more » Featured कडकती घनघोर-घटाएं दुखियो पक्की सहेली फर्ज बिजली