विविधा दुर्गा-महिषासुर प्रसंग, फॉरवर्ड प्रेस में गिरफ्तारियाँ और बौद्धिक लफ्फाजियाँ October 19, 2014 / October 23, 2014 by राजीव रंजन प्रसाद | Leave a Comment राजीव रंजन प्रसाद अभिव्यक्ति की नियति जहर की तरह है, यह संयम और सोचपूर्णता से प्रयुक्त हो तो ओषधि है और यूं ही गटकनी पडे तो प्राणघाती। ताजा चर्चा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में आयोजित महिषासुर दिवस तथा फॉरवर्ड प्रेस के अक्टूबर अंक में प्रकाशित कतिपय सामग्री की है जिसपर स्वाभाविक विवाद हुआ और […] Read more » दुर्गा-महिषासुर प्रसंग