धर्म-अध्यात्म दूसरों से भिन्नता प्रकट करने के लिए सबसे प्रथम और सुगम उपाय नाम November 18, 2024 / November 18, 2024 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” किसी भी समाज का बाहरी स्वरुप होना नितान्त आवश्यक है, और प्रत्येक समाज का यह स्वयं करणीय कर्म अर्थात कार्य है कि वह अपने लक्षण (स्वरूप) का निर्धारण स्वयं करे, जो देखने वालों को दिखाई दे। उदहारण के रूप में आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दुओं में अत्यंत प्राचीन काल में सिर पर चोटी अर्थात […] Read more » दूसरों से भिन्नता