गजल साहित्य गज़ल ; देवी देवता सखा सहोदर – प्रभुदयाल श्रीवास्तव January 30, 2012 / January 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment देवी देवता सखा सहोदर सबके सब बेकार हो गये ज्योंही मां उतरी आंखों में सपने सब साकार हो गये|| जैसे गये रसोई में तो मां की सूरत याद आई लोटा थाली डोंगे मग्गे सब मां के आकार हो गये|| जब जब भी तड़्फा हूं मां की किसी तरह सूरत देखूं सारी रात दिखाऊं […] Read more » gazal गज़ल देवी देवता सखा सहोदर