व्यंग्य धनंजय के तीर/ ……..और अब लेखक लैंड?? December 15, 2009 / December 25, 2011 by अशोक गौतम | 2 Comments on धनंजय के तीर/ ……..और अब लेखक लैंड?? महीने बाद सरकारी टूअर के बहाने मस्ती मारकर घर में कदम रखा भर ही था कि पत्नी ने सांस लेने से पहले ही खबर तमाचे की तरह गाल पर दे मारी, ‘सुनो जी!’ ‘क्या है??’ ये कम्बखत घर है ही ऐसी बला कि घर में कदम बाद में पड़ते हैं पत्नी समस्या उससे पहले तमाचे […] Read more » Dhananjay धनंजय