कविता धर्म क्या है? May 15, 2014 / May 15, 2014 by बीनू भटनागर | Leave a Comment -बीनू भटनागर- धर्म क्या है? केवल संस्कृति! या फिर एक नज़रिया! या फिर जीने की कला! जो है जन्म से मिला। धर्म जो बांट दे, धर्म जो असहिष्णु हो, तो क्या होगा किसी का भला! व्रत उपवास ना करूं, मंदिरों में ना फिरूं, या पूजा पाठ ना करूं, तो क्या मैं हिंदू नहीं? रोज़ा नमाज़ […] Read more » धर्म धर्म कहता है धर्म पर कविता