राजनीति व्यंग्य साहित्य नंदू मैंने सपना देखा …. November 25, 2015 by अशोक गौतम | Leave a Comment कल फिर बिन दाल के चपाती खा सोया तो एकदम नींद आ गई। नींद भी इतनी गहरी जितनी बहुधा नेताओं को चुनाव के बाद आती है, चाहे वे हारें हों या वे जीते। नींद आते ही मैंने पहली बार सपना देखा। सपने में देखा कि कभी बीवी से न जीतने वाला अपने देश में चुनाव […] Read more » नंदू मैंने सपना देखा ....