कविता नए दौर का धृतराष्ट्र August 28, 2021 / August 28, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकतुमघृणा के पात्र हो,क्योंकि तुम धृतराष्ट्रहो!तुमने समग्र मानवता ही नहींसमग्रसृष्टि जगत के हिस्सों केस्नेह, प्यार, सहकार को समेटकरअपने लाड़ले दुर्योधन की झोली में देडाला! तुम्हारी कृपा का मोहताज वहचींटा भी थाजिसे तुमने लाड़ले की एक मुस्कान के लिएअंगूठे से दाबकरपिचक डाला था! उस चिड़े को भी जोअपनीचिड़ीकेसाथतुम्हारे आंगन मेंफुदक रहा थाजिसे तुमने लाडले […] Read more » Dhritarashtra of the new era नए दौर का धृतराष्ट्र