कविता नींद तुम्हारी आंखों में January 24, 2014 / January 24, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -श्यामल सुमन- नींद तुम्हारी आंखों में पर मैंने सपना देखा है अपनों से ज्यादा गैरों में मैंने अपना देखा हैकिसे नहीं लगती है यारो धूप सुहानी जाड़े की बर्फीले मौसम में टूटे दिल का तपना देखा है बड़े लोग की सर्दी – खांसी अखबारों की सुर्खी में फिक्र नहीं जनहित की ऐसी खबर का छपना […] Read more » poem नींद तुम्हारी आंखों में