राजनीति आरक्षण के भीतर आरक्षण September 2, 2020 / September 2, 2020 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के आरक्षण (कोटा) संबंधी ईवी चिन्नैया मामले में 2004 के अपने उस फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत जताई है, जिसमें कहा गया था कि राज्यों को इन वर्गों के उपवर्गीकरण का अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति अरुण […] Read more » Reservation within reservation आरक्षण न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा