धर्म-अध्यात्म पाप दूर करने का वैदिक साधन अघमर्षण के तीन मन्त्र व उनके अर्थ February 12, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जाग्रत अवस्था में कोई न कोई कर्म अवश्य करता है। यह कर्म दो प्रकार के होते हैं जिन्हें शुभ व अशुभ अथवा पुण्य व पाप कह सकते हैं। मनुष्य का जन्म ही पूर्वजन्मों के शुभ व अशुभ कर्मों के फलों के भोग के लिए हुआ है। शुभ व सत् कर्मों का […] Read more » ‘पाप दूर करने का वैदिक साधन अघमर्षण के तीन मन्त्र व उनके अर्थ’ ‘पाप दूर करने के तीन मन्त्र व उनके अर्थ’