महिला-जगत समाज
पाबंदी का इतिहास
by चरखा फिचर्स
दीपा लिंगड़ियागनीगांव, उत्तराखंड क्यों ज़मीं पर पांव रखते ही,ज़ंजीरों में उलझा दिया गया,क्या मेरा होना पाप था?तो जन्म होने ही क्यों दिया?मैंने क्या देखा था, क्या जाना था?आंखे खुलते ही धुंधला सा लगा,मुझे लगा शायद ऐसा ही होगा संसार,मैंने जब सोचना शुरू किया,तो महसूस होने लगा,कि ये संसार में हर जगह,तो अंधेरा ही अंधेरा है,मन […]
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