कविता
फर्ज मां बाप के प्रति
/ by आर के रस्तोगी
जन्म दिया जिन्होंने,उन्हे कल भुला ना देना,हंस रहे हैं जो आज,उन्हे कल रुला ना देना।। सिखाया है जिन्होंने,उंगली पकड़ कर चलाना,कल उनके सपनों को मिट्टी में मिला ना देना। खिलाया है जिन्होंने तुम्हे खुद भूखा रहकर,उन्हें कभी भूल से भूखा मत सुला ना देना। पढ़ाया लिखाया है तुम्हे खुद अनपढ़ रहकर,पढ़ लिख कर,मां बाप का […]
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