फर्ज मां बाप के प्रति

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जन्म दिया जिन्होंने,उन्हे कल भुला ना देना,
हंस रहे हैं जो आज,उन्हे कल रुला ना देना।।

सिखाया है जिन्होंने,उंगली पकड़ कर चलाना,
कल उनके सपनों को मिट्टी में मिला ना देना।

खिलाया है जिन्होंने तुम्हे खुद भूखा रहकर,
उन्हें कभी भूल से भूखा मत सुला ना देना।

पढ़ाया लिखाया है तुम्हे खुद अनपढ़ रहकर,
पढ़ लिख कर,मां बाप का दिल दुखा ना देना।

रखना अपने पास उनको,उन्होंने तुम्हे रक्खा है,
वृद्ध आश्रम भेजकर,उनके दिल हिला ना देना।

कहता है रस्तोगी,मां बाप की सदा ही सेवा करना,
मिलेगा आशीर्वाद उनका,ये बात भुला ना देना।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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