कहानी साहित्य लघुकथा : बचपन की पूंजी January 12, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment घर में सब लोग साथ बैठकर खाना खा रहे थे। चार साल के बच्चे से लेकर 70 साल के बुजुर्ग सब वहां थे। मां सेब काट कर सबको दे रही थीं। जब उन्होंने चार साल के चुन्नू को भी एक फांक दी, तो वह मचलता हुआ बोला, ‘‘मैं दो सेब लूंगा।’’ मां ने चाकू […] Read more » बचपन की पूंजी