व्यंग्य साहित्य क्यों पनपते हैं बाबाओं के डेरे ? August 30, 2017 / August 30, 2017 by जगमोहन ठाकन | 4 Comments on क्यों पनपते हैं बाबाओं के डेरे ? कार्ल मार्क्स ने कहा था- धर्म अफीम के समान है . पर कोई व्यक्ति क्यों अफीम का प्रयोग करता है , कब शुरू करता है इसका सेवन और कब तक रहता है इसके नशे का आदि ? यदि यही प्रश्न हम धर्म , सम्प्रदाय , पंथ या डेरे से जोड़कर देखें , सोचें ; तो कहीं ना […] Read more » बाबाओं के डेरे