विविधा व्यंग्य व्यंग्य बाण : जय बोलो बेइमान की July 30, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on व्यंग्य बाण : जय बोलो बेइमान की शर्मा जी ने तय कर लिया है कि चाहे जो भी हो और जैसे भी हो; पर अपने प्रिय देश भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करके ही रहेंगे। शर्मा जी छात्र जीवन में भी बड़े उग्र विचारों के थे। भाषण और निबन्ध प्रतियोगिताओं में वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध बहुत मुखर रहते थे। कई पुरस्कार भी […] Read more » बेइमान