विविधा घोषणाओं में उलझती बेरोजगारों की आवाज़ October 10, 2015 / December 2, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment जैसे ही सत्ता बदलती है, बेरोज़गारों की उम्मीदें उस वक्त आसमान छू रही होती है। देश का बेरोज़गार युवा वर्ग अखबारों में GDP के आंकड़े देखकर खुश हो जाता है की चलो अब देश तो तरक्की कर रहा है और वो इसी तरक्की वाले आकड़ों के दम पर नौकरी पाने के सपने पाल बैठता है। […] Read more » Featured घोषणाओं में उलझती बेरोजगारों की आवाज़ बेरोजगारों की आवाज़